Krishnapingala Sankashti Chaturthi festival is dedicated to Lord Ganesha celebrated in North India. In Hindu mythology, Lord Ganesha is known for eliminating all the obstacles from their devotee’s life. If you worship Lord Ganesha and fast on this day then most of the problems will be removed by Lord Ganesha. Sankashti Chaturthi is the best way to make happy Lord Ganesh. We will check Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2025, Vrat Katha, Fasting Date, Moonrise Timings, etc. Follow this article for more.
Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2025
As per the Hindu Panchang Calendar, Chaturthi falls two times in a month. But we will discuss “Krishnapingala Sankashti Chaturthi” which occurs once a month. This falls on the fourth day during Krishna Paksha. This festival is celebrated in Maharastra mainly and people follow all the rituals for Lord Ganesha. Devotees observed fasting and offered prayers for the well-being of Lord Ganesha. कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी is an auspicious day to seek the blessings of Lord Ganesha.
Sankasthi Chaturthi Date 2025 – कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
Sankasthi Chaturthi | Date | Time |
Lambodara Sankashti Chaturthi | January 29, 2025 |
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Dwijapriya Sankashti Chaturthi | February 28, 2025 |
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Bhalachandra Sankashti Chaturthi | March 28, 2025 |
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Vikata Sankashti Chaturthi | April 27, 2025 |
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Ekadanta Sankashti Chaturthi | May 26, 2025 |
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Krishnapingala Sankashti Chaturthi | June 25, 2025 |
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Gajanana Sankashti Chaturthi | July 24, 2025 |
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Bahula Chaturthi Heramba Sankashti Chaturthi |
August 22, 2025 |
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Vighnaraja Sankashti Chaturthi | September 21, 2025 |
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Vakratunda Sankashti Chaturthi | October 20, 2025 |
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Ganadhipa Sankashti Chaturthi | November 18, 2025 |
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Akhuratha Sankashti Chaturthi | December 18, 2025 |
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Krishnapingala Chaturthi 2025 Date and Timings, Moonrise
- Krishnapingala Sankashti Chaturthi: Tuesday, June 25, 2025
- Moonrise on Sankashti Day: 09:58 PM
- Chaturthi Tithi Starts At 01:23 AM on Jun 25, 2025
- Chaturthi Tithi Ends At 11:10 PM on Jun 25, 2025
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा
एक समय की बात है, एक गाँव में दो भाई बहन रहते थे। उनमें बहन का हमेशा से नियम था कि वह अपने भाई का चेहरा देखकर ही खाना खाती थी। प्रतिदिन सुबह वह उठती और जल्दी-जल्दी सारा काम करके अपने भाई का मुंह देखने के लिए उसके घर जाया करती थी। एक दिन रास्ते में एक पीपल के नीचे गणेश जी की मूर्ति रखी थी। उसने भगवान के सामने हाथ जोड़कर कहा कि मेरे जैसा अच्छा सुहाग और मेरे जैसा अच्छा पीहर सबको दीजिए। यह कहकर वह आगे बढ़ गई। जंगल के झाड़ियों के कांटे उसके पैरों में चुभते रहते थे। एक दिन वह अपने भाई के घर पहुंची और भाई का मुंह देख कर बैठ गई, तो उसकी भाभी ने पूछा कि पैरों में क्या हो गया हैं। यह सुनकर उसने भाभी को जवाब दिया कि रास्ते में जंगल के झाड़ियों से गिरे हुए कांटे पांव में चुभ गए हैं। जब वह वापस अपने घर आने लगी तब भाभी ने अपने पति से कहा कि उस रास्ते को साफ करवा दीजिए, आपकी बहन के पांव में बहुत सारे कांटा चुभ गए हैं। भाई ने तब कुल्हाड़ी लेकर सारी झाड़ियों को काटकर रास्ता साफ कर दिया। जिससे गणेश जी का स्थान भी वहां से हट गया। यह देखकर भगवान क्रोधित हो गए और उसके भाई के प्राण ले लिए।
जब लोग अंतिम संस्कार के लिए उसके भाई को ले जा रहे थे, तब उसकी भाभी रोते हुए लोगों से कहने लगी कि थोड़ी देर रुक जाओ, उनकी बहन आने वाली है। वह अपने भाई का मुंह देखे बिना नहीं रह सकती है। उसका यह नियम है। तब लोगों ने कहा आज तो देख लेगी पर कल कैसे देखेगी। हर दिन की तरह बहन अपने भाई का मुंह देखने के लिए जंगल में निकली। तब जंगल में उसने देखा कि सारा रास्ता साफ किया हुआ है। जब वह आगे बढ़ी तो उसने देखा कि सिद्धिविनायक को भी वहां से हटा दिया गया हैं। तब उसने भाई के पास जाने से पहले गणेश जी को एक अच्छे स्थान पर रखकर उन्हें फिर से एक स्थान दिया और हाथ जोड़कर बोली भगवान मेरे जैसा अच्छा सुहाग और मेरे जैसा अच्छा पीहर सबको देना और यह बोलकर आगे निकल गई।
तब भगवान सिद्धिविनायक ने उसे आवाज लगाई और कहा कि बेटी इस खेजड़ी की सात पत्तियां लेकर जा और उसे कच्चे दूध में घोलकर भाई के ऊपर छींटें मार देना वह जीवित हो जाएगा। यह सुनकर जब बहन पीछे मुड़ी तो वहां कोई नहीं था। फिर वह उसने सोचा कि ठीक है, जैसा सुना वैसा कर लेती हूं। वह 7 खेजड़ी की पत्तियां लेकर अपने भाई के घर पहुंची। उसने देखा वहां कई लोग बैठे हुए हैं, भाभी बैठी रो रही और भाई की लाश रखी हैं। तब उसने उन पत्तियों को बताए हुए नियम के जैसे अपने भाई के ऊपर इस्तेमाल किया। उसका भाई फिर से जीवित हो गया।
Sankashti Chaturthi 2025 Fasting Date
Tuesday, June 25, 2025, is a date when you have to fast for the entire day after following all the morning rituals. Then complete the evening rituals complete your Vrat and distribute Prasad among all devotees.
Krishna Pingala Chaturthi Puja Vidhi
- Wake up early and take a bath.
- Wear clean yellow or red clothes.
- Make your house clean.
- Then, sprinkle Ganga water all over the house.
- Spread red cloth for worship.
- Install Lord Ganesha’s idol on red cloth.
- Light a ghee in front of Lord Ganesha and offer vermilion.
- Then spread flowers and all other materials such as Modak, Fruits, or Motichoor Laddus.
- After that, perform the Aarti of Lord Ganesha and chant the Mantras of Lord Ganesha.
- When the moon rises in the evening, eat food after Puja.